## मेरे दोस्त, मेरा अंधेरा पी गये #Poetry जहां मुठ्ठी होती है वहां हाथ मिलाने का मौका नहीं मिलता, हाथ जोड़ने का मौका नहीं मिलता, हाथ को किसी कंधे पर रखने का मौका नहीं मिलता। मुठ्ठी खोलते ही दोस्ती की सल्तनत शुरू हो जाती है। दोस्ती में अदृश्य सिहरन है, उपासना है, रोशनी की लकीर है, किसी का बोझ उठाने वाली ताकत है, राज़ को रखने वाली तिजोरी है, और वो अंधेरा भी जिसमें सारी महत्वाकांक्षाएं, स्वार्थ और आत्मा पर चिपके कालिख के कण धुल जाते हैं। ![[Pub-Friendship-dimensions.webp|400]] > ख़लील जिब्रान ने एक बार कहा था “Your friend is your needs answered”.. यानी जहां ज़रूरतों का जवाब मिल जाए.. वही दोस्त है। मुझे लगता है कि कई बार स्थितियां भी दोस्त की भूमिका निभाती है और कई बार जीते जागते इंसान भी अपनी अपनी बदलती दिशा के अनुसार मित्र या शत्रु बन जाते हैं। फिर भी हर मित्र आपके मन के लेटरबॉक्स में कुछ ना कुछ छोड़ जाता है। दोस्त रहे या ना रहे, दोस्ती रहती है। > [!NOTE] AI युग, लहज़ा और नज़र > सात कविताएं आपके साथ शेयर कर रहा हूं.. इनमें दोस्ती के सात आयाम हैं। पढ़ने में 5 से 7 मिनट लग सकते हैं लेकिन इन आयामों को सहज स्वीकार करने में कई बार लोगों को पूरा जीवन लग जाता है। फिर भी मुझे उम्मीद है कि यहां से शुरुआत करके आप सबको अच्छा लगेगा। मैंने 2011 से 2019 के बीच ये कविताएं लिखी थीं। इनका लहज़ा मेरे दौर का है, जिस पर अपने समय की छाप है, किसी बड़े नाम या बड़े काम की नहीं। मेरा काम बहुत ही साधारण और ज़मीनी है। मेरी समझ में AI वाले स्वचालित दौर में संसार को मानवीय कोण से देखना और उसे अलग ढंग से कहने की कोशिश करना ही मेरा शिल्प है। ##### उसने अंधेरा पी लिया : Glow of a Friend अंधेरी आधी रात में जुगनू सा दमके छोटा सा, सच्चा सा वो दोस्त सा उजाला लिखता जाए फलक पर कोई बात हल्के-हल्के साथी नहीं, सूफी है वो पीता है अंधेरा देखो रोशनी का नाच घूमके…. घूमके   ##### तेरी मुस्कान से सीलन सूखती है : Smile of a friend बेतरतीब सा वो आंसुओं से लाल था उसकी भीगी आंखों से सील गई मेरी दुनिया एक बार होंठों का लिहाफ खोल दे मेरे यार मेरी सीलन हो जाएगी धुआं तेरी मुस्कान से मेरी सीलन सूखती है   ##### ज़ख्मों वाला गुलदस्ता : A Poem on SMS एक दोस्त ने ज़ख्म का ज़िक्र किया जब जब उमंग उठी तुझे गले लगाने को तीर का तरकश तेरा तैयार था मेरे हृदय को बींध जाने को तो मैंने बताया कि ज़ख़्म कैसे गुलदस्ते बन जाते हैं तरकश तो मेरा खाली था हर तीर दिल पर भारी था मैं तीर दर तीर निकालता गया ज़ख्मों पर खाद डालता गया जो फूल निकले तो सबने कहा ये दिल नहीं गुलदस्ता है   ##### Unfriend : अ-मित्र मेरे अंतर्मन में आप एक जल चुकी मोमबत्ती की तरह हैं.. जिसकी रोशनी और जिसका मोम.. विलीन हो चुका है और धागे के जलने की ज़रा सी महक बाक़ी है कुछ देर में आप खो जाएँगे.. मेरे वातावरण में   ##### Profile Picture : तस्वीर पर माला डाल देते हैं दोस्त इस कविता के दो हिस्से है, एक ध्वनि है और दूसरी प्रतिध्वनि > ध्वनि \(Sound\) वाह-वा और दाद देने वाले असली हाथ अब नहीं पहुंच पाते कंधे तक बस निर्जीव ‘प्रोफाइल पिक्चर’ पर हर रोज़ माला चढ़ा देते हैं दोस्त यार बहुत हैं प्यार बहुत है बहुत चाहते हैं मुझे इसलिए अब मुझे दीवार पर फ़ोटो बनकर टंगे रहना अच्छा लगता है मान-सम्मान-अपनापन और वजूद घर बैठे मिल रहा हो तो मुलाक़ातें बोझ लगती है   > प्रतिध्वनि \(Echo\) देखो, गले में कितने हार हैं !! जैसे कोई नेता है और चमचे चार हैं अलग अलग कोण से ली जा रही तस्वीर में लोकप्रिय होने की चाहत है लेकिन… कुछ ही घंटों के बाद… तारीफों की ये मालाएं सूख जाती हैं और कैमरा फिर ढूंढने लगता है अपने ही जीवन का कोई ऐसा कोना जो दिखाया जा सके ये दिखाना.. उस पीढ़ी की दिनचर्या है.. जिसने अपने अंदर कभी देखा ही नहीं   ##### फोन अगर निस्वार्थ बजने लगे तो हैरानी होती है : Ringtone बजने लगी रिंगटोन पूछने लगी तू कौन लोगों की इस भीड़ में सारा जग क्यों है मौन जेब से निकालकर फोन देखते है.. अपना कौन, पराया कौन कोई है.. कहां है.. मैं कौन, तू कौन रक्त उछलकर नाचने लगता है जब आता है किसी का फोन यूं ही, बिना किसी काम के आदेश, मिन्नतें, सौदे, संदेसे हर बार बजते हैं लेकिन अक्सर नहीं बजती रिंगटोन   ##### ग़ुब्बारे थे छोड़ दिए : Balloons उन्हें हाथ छुड़ाना था उन्हें ऊपर जाना था उन्हें पूरी दुनिया को अपना रंग दिखाना था ऊंचाई पर गए दबाव में फटे और हवा में मिल गये जैसे कभी थे ही नहीं गुब्बारे थे छोड़ दिए   > [!NOTE] मित्रता ही सर्वश्रेष्ठ संबंध है > मित्रता थोपा हुआ संबंध नहीं... बर्थ सर्टिफिकेट पर लिखा हुआ संबंध नहीं, ये चार हाथों से रोपा हुआ बीज है, जो वृक्ष बनता है। मित्रता में स्वतंत्रता निहित है, मित्रता के अधिकार अतिक्रमण नहीं करते, मित्रता पैरों से बंधे लोहे के गोले जैसी नहीं होती।  > उसकी सुगंध स्वतंत्र भी रखती है और बांधकर भी रखती है। > इसलिए कृष्ण सुदामा से कहते हैं — मित्रता ही सर्वश्रेष्ठ संबंध है...