## अयोध्या के ड्रेनेज सिस्टम का फ्लैशबैक
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बूंदों से घायल अयोध्या में जलभराव की समस्या को... जब इतिहास के लेंस से देखेंगे तो आपको बहुत हैरानी होगी और पता चलेगा कि प्राचीन भारत के लोग अपने शहरों के ड्रेनेज सिस्टम को लेकर कितने सजग थे।
ASI और अन्य संबंधित संगठनों की रिपोर्ट्स, देश विदेश के शोध पत्रों, पुस्तकों और कई जगहों पर की गई खुदाई के विश्लेषण से पता चलता है कि
- प्राचीन अयोध्या के ड्रेनेज सिस्टम का निर्माण बहुत अच्छा था। 600 से 300 ईसा पूर्व के बीच महाजनपद काल में अयोध्या में हुए अद्भुत निर्माण और जल निकासी प्रणाली के प्रमाण मिलते हैं। गुप्त काल यानी 300-600 ईस्वी के बीच भी अयोध्या में सुनियोजित ड्रेनेज सिस्टम के प्रमाण मिलते हैं।
- प्राचीन Ayodhya में जल निकासी के लिए पत्थरों का उपयोग किया गया था। ये संरचना न केवल मजबूत थी, बल्कि लंबे समय तक टिकाऊ भी थी। पूरे नगर में नालियों का नेटवर्क था, इनकी ढलान इस प्रकार बनाई गई थी कि वर्षा के पानी का मैनेजमेंट आसानी से किया जा सके। रेन वाटर हारवेस्टिंग होती थी... अयोध्या में खुदाई के दौरान कई जगहों पर प्राचीन ड्रेनेज सिस्टम के अवशेष पाए गए हैं।
- ब्रिटिश काल के दौरान किए गए निर्माण और सुधार कार्यों के आधिकारिक रिकॉर्ड्स ये बताते हैं कि अंग्रेज़ों ने अयोध्या के ड्रेनेज सिस्टम में सिविल इंजीनियरिंग की नई तकनीकों का प्रयोग किया। उन्होंने पुरानी नालियों की मरम्मत की और पुनर्निर्माण किया, जिससे जल निकासी की क्षमता में सुधार हुआ। ब्रिटिश काल में अयोध्या के ड्रेनेज सिस्टम में धातु की पाइपलाइनें भी उपयोग में लाई गईं।
अगर हम शताब्दियों से ड्रेनेज सिस्टम के प्रति इतने सजग थे.. तो आज भी किसी शहर को विकास के पथ पर ले जाते हुए ये प्राथमिकता होनी चाहिए। अच्छे ड्रेनेज सिस्टम के बिना शहर को स्वस्थ नहीं माना जा सकता
*2024-06-26*