## क्या भारत तुरंत पाकिस्तान की ओर जाने वाला पानी रोक सकता है? सिंधु जल संधि के निलंबन के बाद ये सवाल हर भारतीय के मन में है इस पर कुछ #NotesOnNews तैयार किए हैं ![[Pub-indus-water-war.webp|400]] ###### 1. सिंधु नदी का सिस्टम समझिए - भारत और पाकिस्तान के बीच बहने वाली सिंधु नदी के सिस्टम में दो हिस्से हैं: - पूर्वी नदियाँ: रावी, ब्यास, सतलुज (भारत को मिलीं) - पश्चिमी नदियाँ: सिंधु, झेलम, चेनाब (पाकिस्तान को मिलीं) - अब तक, पश्चिमी नदियों का लगभग 135-140 MAF (Million Acre Feet) पानी हर साल पाकिस्तान जाता रहा है। ###### 2. भारत की मौजूदा क्षमता: क्या हम रोक सकते हैं? - भारत ने पश्चिमी नदियों पर कई महत्वपूर्ण बांध बनाए हैं: - किशनगंगा प्रोजेक्ट (330 मेगावाट) - झेलम की सहायक नदी पर - बगलिहार बांध (900 मेगावाट) - चेनाब पर - सलाल, दुलहस्ती, उरी जैसे रन-ऑफ-रिवर प्रोजेक्ट - जो पानी के फ्लो को कुछ घंटों या दिनों के लिए नियंत्रित कर सकते हैं। - शाहपुरकंडी बांध और उझ परियोजना जैसे नए प्रोजेक्ट्स से भारत अब पूर्वी नदियों के बचे हुए पानी को भी रोकने में सक्षम हो रहा है। - भविष्य में निर्माणाधीन प्रोजेक्ट्स जैसे रैटल और बर्सर बांध भारत की जल-नियंत्रण क्षमता को और बढ़ाएंगे। ###### 3. पाकिस्तान को कितना पानी मिलता है? - सिंधु नदी का अकेले लगभग 60 MAF पानी हर साल पाकिस्तान पहुंचता है। - झेलम नदी से 23 MAF और चेनाब से 25 MAF पानी पाकिस्तान जाता है। - कुल मिलाकर, पाकिस्तान की खेती का लगभग 80% इसी पानी पर निर्भर है। ###### 4. भारत ज़मीनी स्तर पर क्या कर सकता है? - मौजूदा स्थिति में, भारत तत्काल पश्चिमी नदियों का पूरा पानी नहीं रोक सकता। - लेकिन भारत कुछ रणनीतिक कदम उठा सकता है: - पानी का प्रवाह कुछ दिनों के लिए रोकना। - फसल के बुवाई या कटाई के समय पानी की आपूर्ति में देरी करना। - फ्लशिंग ऑपरेशन के ज़रिए पाकिस्तान की नहरों में अनिश्चितता पैदा करना। - जब नए बड़े बांध पूरे बन जाएंगे, भारत पाकिस्तान को मिलने वाले पानी में 5% से 10% तक की कमी कर सकता है। | | **प्रवाह (MAF)** | **भारत का नियंत्रण** | | ---------------------------------- | ---------------- | -------------------- | | **सिंधु का कुल प्रवाह** | 168-170 | | | **सिंधु सिस्टम की पूर्वी नदियाँ** | 32-33 | पूर्ण नियंत्रण | | **सिंधु सिस्टम की पश्चिमी नदियाँ** | 135-140 | सीमित उपयोग | | **भारत की भंडारण क्षमता** | 3-4 | सीमित | ###### 5. इसमें कुल मिलाकर भारत का लाभ क्या हुआ ? - भारत के पास अब कानूनी और तकनीकी छूट है कि वह पश्चिमी नदियों पर अपने हक का पानी उपयोग कर सके। - अभी तत्काल कोई बड़ा जलसंकट पाकिस्तान में नहीं आएगा, लेकिन समय के साथ भारत की पकड़ मजबूत होगी। - ये एक रणनीतिक दबाव का साधन है, और भविष्य में अगर भारत अपनी परियोजनाओं को तेजी से पूरा करता है, तो पानी के मोर्चे पर भी भारत की बढ़त तय है। > स्रोत: > ये विश्लेषण सिंधु जल संधि, भारत सरकार के जल संसाधन मंत्रालय, केंद्रीय जल आयोग, नीति आयोग और विश्व बैंक के दस्तावेज़ों तथा विशेषज्ञों की राय पर आधारित है। 2025-04-25