## Innovation के लिए बोलो जय श्रीकृष्ण #Doorbeen श्रीकृष्ण और Innovation (नवाचार) के बीच क्या रिश्ता है? इस प्रश्न पर विचार करते हुए 2016 में मैंने संक्षिप्त में कुछ लिखा था, शायद आपको अच्छा लगे सिद्धार्थकीदूरबीन 🔭 से श्रीकृष्ण के सुलभ दर्शन कीजिए 😇🙏 ![[pub-krishna-innovator-AI.webp|400]] ##### पूजा/आराधना में Innovation श्रीकृष्ण का बचपन नंदगांव में बीता.. और वहां इंद्र की पूजा होती थी… लेकिन उन्होंने गोवर्धन की पूजा का प्रस्ताव रखा और इसके पीछे ये तर्क दिया कि गोवर्धन ही ब्रजभूमि की समृद्धि की वजह है.. इसलिए गोवर्धन की पूजा होनी चाहिए.. ये पूजा के मूल मकसद को लेकर एक बड़ा Innovation है और इसमें ये संकेत है कि किसी की पूजा का आधार डर नहीं बल्कि व्यक्तित्व का सम्मान होना चाहिए। ##### रणछोड़ Innovation जब श्रीकृष्ण ने कंस का वध कर दिया तो उसके बाद जरासंध बार बार मथुरा पर हमला करता था। कई युद्ध लड़कर उसे हराने के बाद.. श्रीकृष्ण ने इस अनावश्यक युद्ध से छुटकारा पाने का निर्णय लिया। जरासंध से बार बार युद्ध करने के बजाए श्रीकृष्ण ने मथुरा को छोड़ दिया और नये युग के नगर को बसाया.. जिसका नाम था द्वारिका… इस तरह उन्होंने सकारात्मक ऊर्जा का नाश करने वाली रणभूमि को छोड़ा.. और इसी वजह से उन्हें रणछोड़ भी कहा गया। यहाँ रणछोड़ होना, रणभूमि छोड़ना नहीं.. बल्कि रणभूमि चुनना है ##### पौराणिक स्टार्ट-अप कौरवों और पांडवों के बीच राज्य के बंटवारे के बाद पांडवों को निर्जन खांडवप्रस्थ दिया गया.. तब पांडव निराश थे… ऐसे में श्रीकृष्ण ने उन्हें नई दृष्टि दी और कहा कि ये एक नये, सुखी और संपन्न देश के निर्माण का मौका है। ये एक तरह का पौराणिक स्टार्ट अप था.. जो पांडवों के लिए बहुत सफल रहा। आपदा में अवसर भी इसी को कहते हैं। ##### डिफेंस रिसर्च और डेवलपमेंट श्रीकृष्ण अर्जुन को दिव्य अस्त्रों की खोज के लिए यात्रा पर भेजते हैं… आधुनिक शब्दावली में कहा जाए तो उन्हें Defense research and development का महत्व पता था और अर्जुन को उन्होंने इस दिशा में काम करने की प्रेरणा दी। ##### राजनीति और कूट बुद्धि इसके अलावा जब कौरव और पांडव दोनों युद्ध के लिए आतुर होते हैं… उस समय में श्रीकृष्ण शांति का प्रस्ताव रखते हैं.. और खुद शांतिदूत बनकर हस्तिनापुर की राजसभा में जाते हैं। पांडवों के लिए पांच गांव मांगते हैं और जब दुर्योधन नहीं मानता तो फिर विराट रूप दिखाकर अपनी शक्ति का प्रदर्शन करते हैं और मजबूरी में युद्ध का चुनाव करते हुए युद्ध की नैतिक ज़िम्मेदारी कौरवों के हिस्से में ट्रांसफर कर देते हैं.. ये एक तरह का कूटनीतिक और राजनीतिक Innovation है। ##### युद्ध नीति भीष्म पितामह के पास इच्छामृत्यु का वरदान था.. और उन्हें सीधे सीधे युद्ध करते हुए हराना संभव नहीं था.. ऐसे में वो युधिष्ठिर और अर्जुन से कहते हैं कि जाओ और भीष्म पितामह द्वारा दिया गया विजय श्री का आशीर्वाद लौटाकर आओ… युधिष्ठिर और अर्जुन जब ऐसा करते हैं तो भीष्म अपनी पराजय का रास्ता उन्हें बता देते हैं.. और यहीं से महाभारत युद्ध में पांडवों की विजय सुनिश्चित हो पाती है। यानी श्रीकृष्ण ज़रूरत पड़ने पर विरोधी से भी सलाह लेने से नहीं चूकते। ये भी एक राजनीतिक Innovation है। ##### स्वीकार करना = Innovation श्रीकृष्ण में ऐसा अध्यात्म है जो युद्ध को भी एक लीला मान लेता है.. श्रीकृष्ण जीवन की सारी दिशाओं को एक साथ स्वीकार कर लेते हैं। राग , प्रेम, योग, काम, भोग, ध्यान और इन सबको मिलाकर बना समग्र जीवन, एक उत्सव की तरह उनके व्यक्तित्व में दिखाई देता है। श्रीकृष्ण जीवन के विरोधाभास और परेशानियों से नहीं भागते बल्कि वो ऐसी जटिलताओं को पूरी समग्रता के साथ स्वीकार करते हैं। उनके द्वारा दिया गया गीता ज्ञान भी इस विशाल व्यक्तित्व की पूर्ति करता हुआ नज़र आता है। कुल मिलाकर श्रीकृष्ण का जीवन जीने का जो तरीका है वो अपने आप में एक Innovation है। आगे और भी innovative पहलू जोड़े जा सकते हैं। > [!info] कुछ ज़रूरी बातें > - ये रचना 25 अगस्त 2016 को लिखी और प्रकाशित की गई थी। > - AI के साथ नये प्रयोगों के तहत मेरे मौलिक AI Prompt से बना illustration भी शेयर कर रहा हूँ। उम्मीद है आपको पसंद आएगा 💚