## सदाबहार सुभाषित : वे शब्द खनिज जो अर्जित किए #SidTreeOriginals ![[Pub-SidTree-Originals.webp|400]] > [!tip] टीवी = माँ जो माँ को पसंद आए.. उसमें अच्छा प्रोडक्ट बनने की संभावनाएँ होती हैं… माँ का लेंस, वो नज़र है… जो उलझी हुई प्रस्तुति को सरल बना देता है… माँ से जुड़ी एक सीख ये भी है कि मां बनने की भी एक उम्र होती है.. एक उम्र से पहले न मातृत्व अच्छा है.. न नेतृत्व..!   - आइंसटाइन के Six Pack Abs नहीं थे, मेरे भी नहीं हैं - सफलताएँ अपनी उम्र पूरी करके.. शिक्षाएँ बन जाती हैं - जो कुछ नहीं छोड़ सकता वह अंत में कबाड़ के शिखर पर पहुँचता है - ख़ुद को सबसे पावरफुल समझने वाले की पावरफुर्रर्रर्रर्रर्रर्र हो जाती है - आपकी विशिष्टता आपका अकेलापन बन जाती है। - धूर्तता विकसित होकर मूर्खता बन जाती है - मां बनने की भी एक उम्र होती है - बढ़त को बचत बनाए बग़ैर कोई बड़ा नहीं बन सकता - जब नाक तक सुविधा की मदिरा पी ली हो, तो वो हर बात पर छलकती है - कर्मों का कोलतार व्यक्तित्व से चिपक जाता है   >[!note] नियंत्रित आलस्य = आभूषण >हफ़्ते में कम से कम एक बार आलस्य के माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई करता हूँ। आलस्य को इस मशीनी युग ने बुरा ही माना है, लेकिन ==नियंत्रित आलस्य..आभूषण के समान होता है==, क्योंकि ये बोरियत देता है, सोचने का समय देता है... और बोरियत से भरी उर्वर सोच में ही, नये विचार जन्म लेते हैं   - चौसर खेलने वाले को हर वक्त हाथ में पासे की रगड़ चाहिए होती। - एक दिन के लिए कोई बीमार नहीं होता - सफलता और बर्बादी एक साथ भी आ सकते हैं - प्रतीक्षा सबसे बड़ा अस्त्र होती है - जिसके हाथों में बैसाखी हो वो हाथ उठाकर नारे नहीं लगा सकता - उत्साह कई बार मुँह में खट्टे पानी की तरह आ जाता है - चौसठ खाने से बाहर जाने के लिए मोहरे को शह-मात के इंतज़ार की ज़रूरत नहीं   > [!warning] रेल के इंजन से टकराना नहीं चाहिए… आवेश शत्रु को घायल नहीं करता… जबकि प्रतीक्षा पहाड़ों को भी झुका देती है….. इसीलिए प्रतीक्षा सबसे बड़ा अस्त्र होती है… प्रतीक्षा के बाद आप ये देखते हैं कि रेल का इंजन अपनी पटरी से बंधा है, उसी पर चलने को विवश है.. और आप स्वच्छंद हैं..!   - चिड़ियाघर के शेर को हर चीज़ अपनी गुफा में चाहिए होती है। ज़हर पर धनिया डालकर गुफा में पहुँचा दो… तो वो भी खा लेगा..! - पहचानने वाले मार्केटिंग से मिलते हैं… जानने वाले उदारता और आचरण से मिलते हैं - पहचानने वाले भीड़ हैं.. जानने वाले क़ीमती हैं - नेत्रहीन का दिशासूचक अक्सर कोई ना कोई शकुनि होता है - मुसीबत में फंसा आदमी विनम्र और आध्यात्मिक हो जाता है.. उससे धोखा नहीं खाना चाहिेए - कई बार ‘आंधी और राजनीति’ विनम्रता का मुखौटा लगाकर आती है   > [!info] आँकड़े किसी के सगे नहीं होते इनको जिस तरह तोड़ो मरोड़ो उसी तरह के नतीजे दिखाते हैं। आपकी जीत के आँकड़ों को भी आपकी पराजय का हार बनाकर पहनाया जा सकता है… इसलिए कई बार सफलता और बर्बादी एक साथ भी आ जाते हैं..!   - समय कवियों का दास होता है… घड़ी की सुइयाँ कवि की मालिश करती हैं - अकेलापन, कलाकृतियों का कच्चा माल होता है - अंधा और डरा हुआ आदमी हर चीज़ को कसकर पकड़ता है - अपने वज़न से ज़्यादा खून पी लेने वाला मच्छर उड़ नहीं सकता - पूर्वाग्रह हमेशा तर्क की चिंगारियाँ ढूँढता है…और तात्पर्य निकालकर हाथ तापता है, इससे बचना चाहिए - जिसके हाथ में गांडीव है वही घबराया हुआ है डरा हुआ है सबको कृष्ण की ज़रूरत है - रज़ामंदी के बाद मर्ज़ी की क्या ज़रूरत ? - ==महंगी कार Boardroom तक नहीं जाती, वहां सिर्फ दिमाग जाता है== - लता मंगेशकर को रीना राय के लिए भी गाने गाने पड़ते हैं इसलिए पार्श्व गायन से शर्माना नहीं चाहिए   > [!important] Boss और Leader में अंतरात्मा का फ़र्क़ होता है Boss का मन करे तो हर साल 5 अप्रैल को अंतरराष्ट्रीय अंतरात्मा दिवस मना सकता है, पर Leader की अंतरात्मा हर रोज़ काम पर रहती है, ये काम ज़रा मुश्किल है, इसलिए Boss ज़्यादा मिलेंगे और Leader कम ज़िंदगी जब मौक़ा दे, लीडर बनिए.   - लाश में ज़्यादा गोलियाँ मार दो तो वो खड़ी हो जाती है, उसमें जान आ जाती है - शयनयान वाला डिब्बा रेलगाड़ी में होता है, उसे घर लाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए - ज़्यादा दौड़ने वाले जीव जंतु और आदमी, जल्दी मरते हैं - महत्वाकांक्षा बढ़ी दुर्घटना घटी - नाली के ऊपर सिंहासन नहीं लगाना चाहिए - अहंकार हमेशा चीख़-चीख़कर कहता है कि मैं अहंकार नहीं हूँ - बर्बादी और भ्रूण हत्या के फैसले अक्सर अकेले लिए जाते हैं, और उन पर सर्वसम्मति चिपकाई जाती है - बदला बड़े विध्वंस का आधार तो हो सकता है, पर बड़ी कृति का आधार नहीं हो सकता - मुंह में हड्डी हो तो कुत्ता भौंकता नहीं, रसास्वादन करता है >[!Note] मुठ्ठी में सत्य और गुदगुदी >जिसकी भुजाओं में शक्ति होती है, उसकी मुठ्ठी में सत्य होता है, ऐसे व्यक्ति को गुदगुदी कर देनी चाहिए। - दूसरों को मिटा रहा अपराधी..असलियत में अपनी ही जीवनरेखा मिटाता चलता है, वो खुद ही अपना Eraser है, जो रगड़ रगड़कर मिट जाता है - सत्य.. प्रेस विज्ञप्तियों/सरकारी जवाबों का दास नहीं होता - हर कार्रवाई अनुशासनात्मक ही बताई जाती है, और सारी नियुक्तियाँ समारोहपूर्वक की जाती हैं - आपकी दिनचर्या आपका जुनून नहीं हो सकती.. अगर ऐसा हो रहा है तो जीपीएस यानी गुरु की मदद लीजिए.. दिनचर्या से बाहर निकलिए - गालियां देना मेडिटेशन यानी ध्यान लगाने के बराबर होता है - आस्था अक्सर व्यापार की पहली अवस्था होती है - कीबोर्ड वाले क्रांतिकारी की बैटरी लाइफ कम होती है - एजेंडा चलाने के लिए अदा की ज़रूरत होती है, अदाकार की नहीं - गन्ने से जूस निकलता है और चीनी बनती है, और ये दोनों ही गन्ने को कुचलने और निचोड़ने का नतीजा हैं। अकड़ भी गन्ने जैसी ही मीठी होती है - बुज़ुर्गों को बोझ नहीं बोनस समझना चाहिए   - A Poem is a prompt for human Intelligence - Chaos is the Answer to Organised Attack - Winner Stands Alone & Loser Walks Alone - Nouns are Forever, not adjectives - Grammar is boring - anything interesting on this earth is somehow crushing a sort of grammar