## सबकी बंदूक में एक ही कारतूस ! #NotesOnNews अब थोड़ा ज़्यादा हो रहा है... रणवीर इलाहबादिया और समय रैना... मामले पर Opinion का Extention इसलिए क्योंकि समय बीतने पर सवालों और उठी हुई उंगलियों के छिलके उतरते हैं और समस्या का दूसरा पक्ष भी खुद को उजागर कर देता है हर कोई इस मामले को अपनी बंदूक का कारतूस बना लेना चाहता है और एक ज़ोरदार संस्कारी फायर करना चाहता है.. ताकि उसे फायदा हो और अब तक फायदा उठाने को अश्लील नहीं माना गया है। कॉमेडियन्स ने गलती की, अभद्र भाषा और अश्लील विचार को प्रोजेक्ट किया जो बेहूदा है। और इसका विरोध भी होना चाहिए.. लेकिन अब ये मामला जिस तरह खिंच रहा है.. जिस तरह मुकद्दमे दर्ज हो रहे हैं... और हर दूसरा आदमी रणवीर इलाहबादिया और समय रैना सहित तमाम कॉमेडियन्स को [पीट-पीटकर भूसा भर देने वाली मुद्रा ](https://x.com/BeerBicepsGuy/status/1890773845310664909) में घूम रहा है। उससे तो समाधान नहीं होगा। सामाजिक मूल्यों और व्यावहारिक ज्ञान से जुड़ी समस्या को तुरंत कानूनी समस्या बना देना भी उचित नहीं। रोग का इलाज करते हुए शरीर को ही मार देना मूर्खता होगी। कई कंटेंट क्रियेटर्स ने, इनफ्लूएंसर्स ने इसमें भी गिद्ध की तरह अपने लिए व्यूज़ ढूंढ लिए हैं। नकली संस्कार वाला नाटक शुरु हो गया है। अधकचरे उपदेश असंख्य कानों में थूके जा रहे हैं। हालांकि इस तरह की ओवरएक्टिंग भी अपराध नहीं है। कॉमेडियन्स को समझना होगा कि अपशब्दों और अश्लील विचारों का अस्तित्व हज़ारों वर्षों से है, परंतु इसका अर्थ ये नहीं कि इन्हें समाज का सबसे ऊंचा प्रतिमान बना दिया जाए, बोल्ड होने का सबसे बड़ा पैमाना बना दिया जाए। हर दौर ने गाली/अश्लीलता को उसकी सही जगह पर रखा है। कॉमेडियन्स खुद को रेगुलेट कर लें.. तो बेहतर हैं। ऐसा न हुआ तो कानूनी हस्तक्षेप होगा और पूरी विधा ही मर जाएगी। Criminalisation of comedy से बचने के लिए Regulation of comedy ज़रूरी है। ## टुकड़े टुकड़े मर्यादा ==Ranveer Allahbadia, Samay Raina मामले पर Opinion का पहला भाग== 2025-02-10 ![View this post on X.com](https://x.com/sidtree/status/1888983108118298979) बिना किसी की ज़िम्मेदारी तय किए... फ्री स्पीच के नाम पर ऐसा कंटेट दिखाने की आज़ादी देना बहुत ही खतरनाक है। आमतौर पर टेलीविज़न पर आपको ऐसा कंटेंट नहीं मिलेगा। वहां ज़िम्मेदारी तय होती है और नियम कानून का पालन करने की शर्त होती है। कोई भी गड़बड़ हुई तो फौरन जवाब मांग लिया जाता है। पेशी हो जाती है। लाइसेंस रद्द करने तक भी बात पहुंच सकती है। लेकिन यूट्यूब पर अश्लील और फूहड़ कंटेंट बनाने वालों को कुछ भी करने की आज़ादी मिली हुई है। वो अश्लील विचारों का प्रसारण करके.. खुद को बोल्ड समझते हैं। जबकि उनकी हरकतें फूहड़, बेहूदा और शालीनता के स्तर से गिरी हुई होती हैं। अपशब्द बोलना, द्विअर्थी टिप्पणियां करना, किसी को नीचा दिखाना, अपमानजनक और अश्लील लहज़े को सार्वजनिक तौर पर एक बोल्ड व्यवहार के रूप में स्थापित करना... ये सब इन इनफ्लूएंसर्स का एजेंडा है। खतरनाक बात ये है कि कोई भी युवा या बच्चा इस कंटेट तक आराम से पहुंच सकता है या Algorithm के ज़रिए ठेला जा सकता है। रणवीर इलाहबादिया अपने सवाल में माता-पिता से जुड़ी बहुत अश्लील टिप्पणी कर रहे हैं और लोग तालियां बजा रहे हैं.... हँस रहे हैं... ठहाके लगा रहे हैं... इसे डार्क कॉमेडी कहकर जायज़ ठहराने की कोशिश भी हो रही है... कोई आपके घर परिवार की मौजूदगी में ऐसी बात कहे तो आप क्रोधित हो जाएंगे। लेकिन यहां तौहीन की जगह तालियां मिल रही हैं.... ये बहुत चिंताजनक है। सोचिए लोग न सिर्फ ऐसी घटिया भाषा और विचार को सहन कर रहे हैं बल्कि इससे दस कदम आगे बढ़कर सार्वजनिक तौर पर इसकी तारीफ कर रहे हैं। इसलिए सवाल उन लोगों पर भी है जिनके चेहरे तो इस वीडियो में नहीं दिख रहे.. लेकिन उनका हर्षोल्लास, तालियां.. सब इस वीडियो में रिकॉर्ड हो गया है। इस पूरे दृश्य को देखकर आपको लगेगा जैसे अश्लीलता की नशीली गोली सबने खा रखी है... अश्लील विचारों का सेवन नशीली गोली की तरह होता है....इसकी लत एक बार लग जाए तो छूटती नहीं है... ठीक उसी तरह जैसे युवाओं को ड्रग्स की आदत लग जाती है.... सवाल ये है कि क्या रणवीर इलाहाबादिया अपने बड़े बुज़ुर्गों के सामने ऐसी बातें खुलकर कह सकते हैं..... क्या समय रैना अपने घर के बड़ों के बीच ऐसी टिप्पणी कर सकते हैं.... सच यही है कि ऐसा वो नहीं करेंगे...वहां शरीफ बन जाएंगे... मृदुभाषी बन जाएंगे... उनके मुंह से मीठी मीठी बातों और भोले भाले प्रश्नों की बारिश होने लगेगी। फिर एक सार्वजनिक प्लैटफॉर्म पर वो ऐसा कैसे कह सकते हैं ? क्या इनके लिए कोई नियम कानून नहीं है ? [रणवीर ने माफ़ी भी मांग ली है](https://x.com/BeerBicepsGuy/status/1888876474947510492), लेकिन बात एक साधारण माफ़ी से बहुत आगे बढ़ चुकी है। Forbes मैगज़ीन के 30 अंडर 30 वाले सबसे प्रभावशाली युवाओं में से एक हैं रणवीर इलाहबादिया.. ना जाने कितने युवा रणवीर जैसा बनना चाहते होंगे... लेकिन अब जब ये वीडियो गलत कारणों से चर्चा में है .. तब अंडर 30 वाले सभी युवाओं को सावधान हो जाना चाहिए.. उन्हें तय करना चाहिए कि वो अपना रोल मॉडल किसे बनाना चाहते हैं और क्या वो रणवीर की बेवकूफ़ियों के भी सब्सक्राइबर बने रहना चाहते हैं।