## भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच IMF का टेरर टॉनिक
भारत और पाकिस्तान इस समय पूर्ण युद्ध से सिर्फ एक कदम दूर हैं। ऐसे माहौल में IMF की कृपा पाकिस्तान और उसके आतंकवादी इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए टॉनिक बन रही है। बारूदी शांति के सौदागर कई देश चुपचाप पाकिस्तान को ऑक्सीजन दे रहे हैं। IMF की इस मदद का पूरा खेल क्या है ?
इस विषय पर कुछ #NotesOnNews तैयार किए हैं ताकि इस बारे में हम सबकी सामान्य समझ बढ़े।
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###### IMF ने पाकिस्तान को कितना पैसा दिया?
9 मई 2025 को IMF ने पाकिस्तान को दो वित्तीय पैकेज दिए:
- एक्सटेंडेड फंड फैसिलिटी (EFF) के तहत 1 बिलियन डॉलर की किश्त।
- रेजिलिएंस एंड सस्टेनेबिलिटी फैसिलिटी (RSF) के तहत 1.4 बिलियन डॉलर का नया लोन।
- कुल मिलाकर, ये 2.4 बिलियन डॉलर यानी 20,486 करोड़ रुपये की रकम है।
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था संकट में है, और IMF उसका बैंक बनकर बार-बार मदद करता रहा है।
पिछले 35 वर्ष में पाकिस्तान को 28 बार IMF से बेलआउट मिला है, जिसमें पिछले 5 वर्षों में 4 विशेष प्रोग्राम उसकी मदद के लिए चलाए गए हैं, लेकिन मदद पाकिस्तानी फौज और आतंकवादी हज़म कर जाते हैं
###### IMF का पैसा जा कहां रहा है ?
भारत ने IMF की बोर्ड मीटिंग में स्पष्ट कहा कि इस तरह की वित्तीय सहायता से पाकिस्तान को अपनी आतंकवादी गतिविधियों के लिए पोषण मिलता है।
- IMF से मिलने वाला पैसा किसी भी क्षेत्र में इस्तेमाल किया जा सकता है। ज़ाहिर है पाकिस्तान इसे आतंकवादियों की सेवा में खर्च करता है।
- 2021 की यूएस स्टेट डिपार्टमेंट रिपोर्ट में पाकिस्तान को सत्ता द्वारा प्रायोजित आतंकवाद का समर्थक बताया गया है। इसके बाद भी IMF पैसा दे रहा है
- भारत ने कहा है कि 2023 में मिले 3 बिलियन डॉलर के EFF फंड का भी दुरुपयोग हुआ। ये पैसा सैन्य खर्चों में गया, जिससे सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा मिला। कई IMF सदस्य देशों ने भी भारत की इस चिंता का समर्थन किया।
###### IMF की फंडिंग कैसे होती है, और कौन कितना पैसा देता है, किसकी कितनी ताकत है ?
IMF एक अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्था है, जिसमें 191 सदस्य देश हैं। इसका मुख्यालय वाशिंगटन डीसी में है, और ये तमाम देशों को आर्थिक संकट से उबारने के लिए लोन देता है।
IMF के सदस्य देश अपनी आर्थिक ताकत के आधार पर कोटा के रूप में योगदान देते हैं। ये कोटा स्पेशल ड्रॉइंग राइट्स (SDR) में मापा जाता है, जो IMF की मुद्रा इकाई है। 2015 के सुधारों के बाद, कुल कोटा SDR 238.5 बिलियन से बढ़कर SDR 477 बिलियन हो गया। 1 SDR, 1.3 अमेरिकी डॉलर के बराबर होता है। इस तरह ये कुल कोटा 644 अरब डॉलर यानी 55 लाख करोड़ रुपये का है।
IMF में हर सदस्य देश का कोटा होता है, जो उसकी आर्थिक ताकत यानी GDP, व्यापार, और विदेशी मुद्रा भंडार के आधार पर तय किया जाता है। ये कोटा SDR में मापा जाता है और इसी से पावर तय होती है
- वोटिंग पावर: कोटा जितना बड़ा, वोटिंग पावर उतनी ज्यादा।
- लोन की सीमा: देश IMF से अपने कोटा के आधार पर लोन ले सकता है।
- योगदान: तमाम देश कोटा के आधार पर IMF को फंड देता है।
- सबसे ज्यादा कोटा शेयर अमेरिका का है, जिसके बाद जापान, चीन, जर्मनी, फ्रांस, यूके, और भारत का नंबर आता है।
| **रैंक** | **देश** | **कोटा शेयर (%)** | **USD में अनुमानित योगदान<br/><br/>(1 SDR = 1.3502 USD, नया रेट)** |
| -------- | ------------------- | ----------------- | ------------------------------------------------------------------ |
| 1 | संयुक्त राज्य (USA) | 17.43% | $112.22 बिलियन |
| 2 | जापान | 6.47% | $41.61 बिलियन |
| 3 | चीन | 6.41% | $41.16 बिलियन |
| 4 | जर्मनी | 5.59% | $35.96 बिलियन |
| 5 | फ्रांस | 4.23% | $27.21 बिलियन |
| 6 | यूनाइटेड किंगडम | 4.23% | $27.21 बिलियन |
| 7 | इटली | 3.75% | $20.35 बिलियन |
| 8 | भारत | 2.75% | $17.71 बिलियन |
| 9 | रूस | 2.71% | $17.42 बिलियन |
| 10 | ब्राजील | 2.32% | $14.91 बिलियन |
| | | | |
कोटा के आधार पर ही वोटिंग पावर तय होती है। अमेरिका के पास सबसे ज्यादा वोटिंग पावर है, जिसके कारण कोई भी बड़ा फैसला बिना उसकी सहमति के नहीं हो सकता। अमेरिका का फैसला निर्णायक होता है। पाकिस्तान पर IMF का पैसा लुटाने में अमेरिका की भूमिका बहुत बड़ी है। हालांकि बड़े फैसलों के लिए 85% वोटिंग पावर की जरूरत होती है।
###### IMF में वोटिंग और एब्स्टेन करने का नियम
IMF के नियमों के अनुसार, विकल्प केवल ‘हाँ’ में वोट देने या ‘एब्स्टेन’ करके वोटिंग से दूर रहने का है। भारत ने पाकिस्तान के लोन प्रस्ताव पर ‘एब्स्टेन’ करके अपनी आपत्ति दर्ज की और अपनी चिंताओं को स्पष्ट रूप से रखा। भारत ने कहा कि बार-बार IMF की मदद से पाकिस्तान को आतंकवाद के लिए संसाधन जुटाने का मौका मिलता है।
###### IMF का पैसा आतंकवाद के लिए टॉनिक बन रहा है
दुनिया के बड़े देश, जैसे अमेरिका और यूरोपीय राष्ट्र, भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव को कम करने (de-escalation) और युद्ध रोकने की बात करते हैं। लेकिन उसी समय IMF की फंडिंग पाकिस्तान को आर्थिक रूप से मजबूत कर रही है, जिससे वो अपनी सैन्य और आतंकी गतिविधियाँ जारी रख सकता है। कुल मिलाकर IMF पाकिस्तान के लिए टॉनिक का काम कर रहा है जिससे उसकी विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं
2025-05-10